Saturday, 31 July 2021

भारत के मंदिरों के असल लुटेरे कौन थे राजा या बादशाह...?

एस एम फ़रीद भारतीय 
इस देश पर आक्रमण करके मंदिरों को तोड़ने या लूटने का आरोप सबसे अधिक महमूद गजनबी और औरंगज़ेब पर लगता है।

उस दौर में हर हिन्दू राजा दूसरे राज्य पर आक्रमण करके मंदिरों को लूटता था क्युँकि मंदिरों में सोने चाँदी के आभूषण रहा करते थे।

मंदिरों को लूटने में सबसे आगे "मराठा" थे , मगर शुरुआत करते हैं , "महमूद गजनबी" से ही।

महमूद गजनबी ने सोमनाथ मंदिर पर जब आक्रमण किया

Friday, 16 July 2021

अफ़वाह डर और दहशत से बाहर निकलें मुस्लमान- अशफ़ाफ सैफ़ी यूपी अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष


"ख़बर एनबीटीवी इंडिया"
बुलंदशहर कल बीती रात अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अशफ़ाक सैफ़ी ने बुलंदशहर कई जगह का दौरा किया और हर जगह आपका फूल और नोटों की मालाओं के साथ ताज पहनाकर स्वागत किया गया, स्वागत के बाद जनाब अशफ़ाक साहब ने अपने विचार पेश करते हुए कहा कि हिदूं मुस्लिमों को भाई चारे के साथ रहना चाहिए, अपनी मिसाल देते हुए कहा कि भाजपा मुस्लिमों की दुश्मन नहीं है, लेकिन कुछ पार्टियां सियासत की ख़ातिर ऐसे पेश करती ई हैं.

सबसे पहले अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष आवास विकास

Tuesday, 13 July 2021

सैफ़ी नाम की मुहब्बत का रिश्ता फिर ज़ाहिर हुआ संघ ने दिलाया बड़ा ईनाम...?

"एस एम फ़रीद भारतीय"
शिया के साथ सैफ़ी भी हुए खुलकर संघ के नुमाइंदे, पहले ही सैफ़ी नाम हमेशा सुर्खियों मैं रहा है, ये नाम चार सौ साल पुराना नाम है जिसको अनजाने मैं शेख कही जाने वाली बिरादरी ने 1975 मैं अपने वजूद और इतिहास को भुलाकर अपनाया, जबकि ये नाम चार सौ साल पुराना नाम है, नाम के असरात इंसान की ज़िंदगी पर नज़र आते हैं ये एक बार फिर से साबित हो चुका है, सैफ़ी नाम बोहरा समाज के लोगों का चार सौ साल पुराना नाम है, जिन्होंने सैफ़ी मस्जिदें, सैफ़ी अस्पताल और सैफ़ी कालोनियों के साथ चार सौ साल मैं ना जाने क्या क्या बनाया है, चलिए निगाह डालते हैं आज और कल के सैफ़ी नाम के हालात पर, उससे पहले आजतक की रिपोर्ट के अनुसार अशफ़ाक

Friday, 9 July 2021

मानों ना मानों ख़बरों की सच्चाई को तहस नहस करना वाला प्लेटफॉर्म भी सोशल मीडिया ही है...?

दोस्तों,
एक ज़माना था जब पत्रकारिता या अपना ही मज़ा हुआ करता था, तब ख़बरों के लिए पाठकों मैं ही नहीं बल्कि पत्रकारों मैं भी एक ज़बरदस्त होड़ लगा करती थी ख़बर सबसे अच्छी मेरी ख़बर हो और लोग ख़बरों की सच्चाई से ही पत्रकार की सच्चाई और ईमानदारी का अंदाज़ा लगाया करते थे, साथ ही कुछ ऐसे चाटूकार पत्रकार भी हुआ करते थे, जो अपने अख़बार मैं किसी नेता, विधायक, मंत्री या अधिकारी की ख़बर के छप जाने पर ख़ुद अपना अख़बार हाथ मैं लेकर उसको बताने और दिखाने ख़ुद जाया करते थे, ऐसे पत्रकारों को  चापलूस कहा जाता था.

कुछ पत्रकार ऐसे भी थे जो किसी नेता या बड़े अधिकारी की

Monday, 5 July 2021

इतिहास के 10 सबसे क्रूर तानाशाहों के बारे मैं...?

"एस एम फ़रीद भारतीय"
तानाशाही सत्ता में बने रहने के लिए बल का प्रयोग और राजनीतिक विरोधियों का व्यवस्थित तरीके से उत्पीड़न, प्राचीन रोमन सभ्यता से ही चले आ रहे हैं, लेकिन, आधुनिक इतिहास के तानाशाहों ने इसे मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन और क्रूरता का पर्याय बना दिया, वहीं मानव इतिहास के कुछ सबसे अधिक क्रूर तानाशाहों को सत्ता संभाले बहुत अधिक समय नहीं हुआ है, इस लेख में जानिए इतिहास के 10 सबसे ज्यादा निर्मम और क्रूर तानाशाहों के बारे में.

जब तानाशाही की बात होती है तब, सबसे पहले दिमाग में

सेबी चेयरमैन माधवी बुच का काला कारनामा सबके सामने...

आम हिंदुस्तानी जो वाणिज्य और आर्थिक घोटालों की भाषा नहीं समझता उसके मन में सवाल उठता है कि सेबी चेयरमैन माधवी बुच ने क्या अपराध ...