यंग अचीवर (यंगस्ट न्यूज़ डायरेक्टर ऑफ़ टेलीविजन न्यूज़ इंडस्ट्री) :
उम्र महज 28 साल. नाम उपेन्द्र राय. वे सहारा मीडिया ग्रुप के न्यूज़ डायरेक्टर हैं. पद और प्रोफेशनल लाईफ के लिहाज से यह छोटी उम्र है. इतनी उम्र में बहुतेरे लोग अपने करियर को बनाने के लिए संघर्षरत रहते हैं. लेकिन उपेन्द्र राय बतौर न्यूज़ डायरेक्टर आज सहारा मीडिया की अगुवाई कर रहे हैं. आप यकीन करें या ना करें लेकिन सच यही है कि पिछले साल दिसंबर महीने के अंतिम सप्ताह में जब उन्होंने सहारा मीडिया को ज्वाइन किया तब वे पूरे 28 साल के भी नहीं हुए थे. 28 साल पूरे होने में चंद दिन बाकी थे. उनकी उम्र थी 27 साल,11 महीने,11 दिन. वैसे उनकी जन्मतिथि है 16जनवरी,1982.मीडिया खबर.कॉम पर उनके सहारा मीडिया को ज्वाइन करने की खबर प्रकाशित होने के बाद दनादन फ़ोन आ रहे थे. खबर पढने के बाद भी लोगों की जिज्ञासा बनी हुई थी. यह एक लम्बी छलांग थी. कई पत्रकार यह पूछ रहे थे कि खबर में कितनी सच्चाई है. तब तक खबर की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई थी. वाकई में उम्र के हिसाब से यह एक बड़ी उपलब्धि थी. यदि हमारी खबर सही है तो वे सहारा मीडिया ग्रुप के ही नहीं बल्कि पूरी टेलीविजन न्यूज़ इंडस्ट्री के सबसे युवा न्यूज़ डायरेक्टर हैं. यह एक ऐसी उपलब्धि है जो उनसे पहले अबतक कोई नहीं हासिल कर सका.
फ्लैशबैक में जाए तो उपेन्द्र राय की सफलता किसी फ़िल्मी कहानी से कम नहीं लगती. बेहद छोटी उम्र से उन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत की. कॉलेज में पढाई करते वक़्त ही वे फ्रीलांसिंग करने लगे थे. यह साल 1998 था. लखनऊ युनिवर्सिटी से वे बीए कर रहे थे. उसी वक़्त बतौर फ्रीलांसर इन्होने पत्रकारिता की दुनिया में कदम रखा. और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. सीढ़ी-दर-सीढ़ी वे चढ़ते गए और आज सहारा मीडिया के न्यूज़ डायरेक्टर हैं.
आपको जानकार आश्चर्य होगा कि कभी उपेन्द्र राय ने सहारा में बतौर स्ट्रिंगर काम किया था. और आज उसी संस्थान के शीर्ष पद पर विराजमान हैं. कई लोग जिनके मातहत उन्होंने काम किया आज वे उनके बॉस हैं. वैसे उपेन्द्र राय ने अपने करियर की शुरुआत लखनऊ से की. बाद में वे सहारा के मुंबई ब्यूरों में आ गए. फिर स्टार न्यूज़ से जुड़े और उसके बाद सीएनबीसी - आवाज़ से. लगभग साल - सवा साल सीएनबीसी में रहने के बाद वे वापस स्टार न्यूज़ में आ गए. फिर वही टिके रहे और प्रोमोशन पाते रहे. उसके बाद सहारा में सीधे न्यूज़ डायरेक्टर बन कर आ गए. अपने आप में यह अदभूत सफलता है.
उपेन्द्र राय किसी बहुत बड़ी या हाई प्रोफाइल परिवार से नहीं आते. इस दृष्टिकोण से उनकी सफलता और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है. उत्तरप्रदेश के एक छोटे से मध्यमवर्गीय परिवार से वे ताल्लुक रखते हैं. वे गाजीपुर, शेरपुर के रहने वाले हैं. एक गाँव का एक लड़का जिसके ख्वाब बड़े थे. वह उन ख्वाबों को पूरा करना चाहता था. उसे ख्वाब देखना ही नहीं उसे पूरा भी करना आता था. अपने इन्हीं ख्वाबों को हकीकत में अमली जामा पहनाने के लिए वह घर से निकल पड़ा. और आज उसने एक बड़ा मुकाम हासिल कर लिया है. आज उपेन्द्र राय पूरे सहारा मीडिया ग्रुप के न्यूज़ डायरेक्टर हैं. द मोस्ट पॉवरफूल मैन ऑफ़ सहारा मीडिया.
उपेन्द्र राय की सफलता से उनके आस - पड़ोस और उन्हें निकट से जानने वाले भी काफी खुश हैं. उनके एक दूर के रिश्तेदार उनकी सफलता पर ख़ुशी जाहिर करते हुए कहते हैं - "उपेन्द्र ने कम उम्र में जितनी बड़ी सफलता हासिल की है. वह काबिले तारीफ़ है. हमलोग ने ऐसा कभी सोंचा भी नहीं था. अब वे हमलोगों के लिए प्रेरणा के स्रोत बन गए हैं. "
दूसरी तरफ उन्हें जानने वाले और उनके करीबी शहर मऊ के रहने वाले "राजेश" कहते हैं - " वाकई में उपेन्द्र जी ने जैसी सफलता कम समय में हासिल की है वह किसी के लिए भी प्रेरणादायक हो सकता है. खासकर हमलोगों के लिए जो बहुत छोटे शहरों से आते हैं. उन्होंने छोटे शहरों से आने वाले लोगों को इस भरोसे को मजबूत किया है कि यदि इरादे मजबूत हों तो कामयाबी कदम चूमती है. वैसे बेहद ही सरल व्यक्तित्व है उनका. मुंबई में पहली बार उनसे मुलाकात हुई. लेकिन पहली मुलाकात में वे ऐसे मिले जैसे वर्षों से जानते हैं. बेहद ही मिलनसार व्यक्तित्व है उनका. "
इंडस्ट्री में उनके मुरीद बहुतेरे हैं. वे यारों के यार हैं. दोस्तों के लिए मौके - बेमौके वे खड़े रहते हैं. ऐसे कई उदाहरण हैं जब उन्होंने अपने साथ काम करने वाले और दोस्तों की विपरीत हालात में मदद की है. यही दोस्त इनकी ताकत भी है.
अपने छोटे से पत्रकारिता करियर में उन्होंने कई बड़ी कामयाबियां हासिल की है. बतौर टेलीविजन पत्रकार उन्होंने कई बड़ों खबरों को ब्रेक किया है. वे जब स्टार न्यूज़ में थे तब भी ऑन स्क्रीन कम ही दिखते हैं और जब भी दिखते तो किसी बड़ी खबर के साथ. वे अपनी स्पेशल स्टोरीज के लिए जाने जाते हैं. फिल्ममेकर अकबर खान के साथ हुए विवाद के कारण भी उनका नाम सुर्ख़ियों में आया था. स्टार न्यूज़ में रहते हुए उन्होंने चैनल के लिए सहाराश्री सुब्रत रॉय का इंटरव्यू लिया था जिसे स्टार न्यूज़ पर प्रसारित भी किया गया था. इससे काफी लोगों को आश्चर्य हुआ था कि यह कैसे संभव हुआ. गौरतलब है कि उस इंटरव्यू को सहारा के चैनलों पर भी चलाया गया था.
उपेंद्र राय ने हार्ड न्यूज से लेकर मनोरंजन की दुनिया तक की कई बड़ी ख़बरों को ब्रेक किया है. 20 अक्टूबर 2005 को उन्होंने डीमेट एकाउंट घोटाला का पर्दाफाश किया था. इस घोटाले में कई दिग्गज लोग शामिल थे। इनलोगों ने गरीब लोगों ने नाम पर फर्जी डीमेट एकाउंट खोल रखे थे और घोटाले को अंजाम दे रहे थे. 26 अक्टूबर 2005-2006 के दौरान उपेंद्र ने फिल्म स्टार अमिताभ बच्चन सहित अन्य कलाकारों के कमाई का लेखा जोखा पेश किया और टैक्स से जुड़े सारे मामले सामने लाये. यह खबर भी उन दिनों काफी चर्चित रही.
5 जनवरी 2007 को उन्होंने घोड़े के कारोबार से जुडे हसन अली की खबर ब्रेक की . इस खबर से उन्होंने 36 हजार करोड के घोटाले का पर्दाफाश किया. इसके अलावा भी उन्होंने कई ख़बरें ब्रेक की है. कहा जाता है कि जब अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या शादी को लेकर कई तरह की अटकले लगायी जा रही थी तब उपेन्द्र राय ने ही सबसे पहले पुख्ता तौर पर उस खबर को स्टार न्यूज़ पर ब्रेक की थी.
अपनी इन्हीं रिपोर्टों की बदौलत उन्हें कई सम्मान भी मिले. साल 2007 में उन्हें बेस्ट टीवी न्यूज़ रिपोर्टर - हिंदी का न्यूज़ टेलीविजन अवार्ड मिला था. इसके अलावा स्टार की तरफ से इन्हें साल 2006 में स्टार अचीवर अवार्ड और साल 2007 में स्टार पत्रकार रत्न अवार्ड भी मिल चुका है. साल 2010 में इंदौर की संस्था भरोसा ट्रस्ट ने पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए इन्हें युवा पत्रकार सम्मान से सम्मानित किया.
ऐसा माना जाता है कि नेटवर्क के स्तर पर उपेन्द्र राय बेहद मजबूत हैं. कॉरपोरेट वर्ल्ड में भी इनकी अच्छी पकड़ है. संबंधों को बनाना और उसे निभाना उन्हें बखूबी आता है. सबसे बड़ी बात है - कई ध्रुवों को एक साथ लेकर उनकी चलने की क्षमता. उनके जितने मधुर संबंध सहाराश्री से है उतने ही अच्छे संबंध स्टार इंडिया के हेड उदय शंकर और सीएनबीसी के चैनल हेड संजय पुगलिया से है. जबकि दोनों जगहों पर नौकरी कर वे छोड़ चुके हैं. यह अपने आप में बड़ी बात है. ये जिस भी संस्थान में गए वहां तेजी से उनकी पहचान बनी. सभी बॉस के बेहद करीबी रहे. सबने उनकी प्रतिभा का लोहा माना. सबसे बड़ी बात की संस्थान को छोड़ने के बावजूद उनके संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ा. आमतौर पर ऐसे मौकों पर कई बार दरार पड़ जाती है. लेकिन उपेन्द्र राय ने ऐसा होने नहीं दिया. यह उनकी बहुत सारी खूबियों में से एक है. साथ ही उनकी काबिलियत को भी दर्शाता है.
आपको जानकार आश्चर्य होगा कि कभी उपेन्द्र राय ने सहारा में बतौर स्ट्रिंगर काम किया था. और आज उसी संस्थान के शीर्ष पद पर विराजमान हैं. कई लोग जिनके मातहत उन्होंने काम किया आज वे उनके बॉस हैं. वैसे उपेन्द्र राय ने अपने करियर की शुरुआत लखनऊ से की. बाद में वे सहारा के मुंबई ब्यूरों में आ गए. फिर स्टार न्यूज़ से जुड़े और उसके बाद सीएनबीसी - आवाज़ से. लगभग साल - सवा साल सीएनबीसी में रहने के बाद वे वापस स्टार न्यूज़ में आ गए. फिर वही टिके रहे और प्रोमोशन पाते रहे. उसके बाद सहारा में सीधे न्यूज़ डायरेक्टर बन कर आ गए. अपने आप में यह अदभूत सफलता है.
उपेन्द्र राय किसी बहुत बड़ी या हाई प्रोफाइल परिवार से नहीं आते. इस दृष्टिकोण से उनकी सफलता और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है. उत्तरप्रदेश के एक छोटे से मध्यमवर्गीय परिवार से वे ताल्लुक रखते हैं. वे गाजीपुर, शेरपुर के रहने वाले हैं. एक गाँव का एक लड़का जिसके ख्वाब बड़े थे. वह उन ख्वाबों को पूरा करना चाहता था. उसे ख्वाब देखना ही नहीं उसे पूरा भी करना आता था. अपने इन्हीं ख्वाबों को हकीकत में अमली जामा पहनाने के लिए वह घर से निकल पड़ा. और आज उसने एक बड़ा मुकाम हासिल कर लिया है. आज उपेन्द्र राय पूरे सहारा मीडिया ग्रुप के न्यूज़ डायरेक्टर हैं. द मोस्ट पॉवरफूल मैन ऑफ़ सहारा मीडिया.
उपेन्द्र राय की सफलता से उनके आस - पड़ोस और उन्हें निकट से जानने वाले भी काफी खुश हैं. उनके एक दूर के रिश्तेदार उनकी सफलता पर ख़ुशी जाहिर करते हुए कहते हैं - "उपेन्द्र ने कम उम्र में जितनी बड़ी सफलता हासिल की है. वह काबिले तारीफ़ है. हमलोग ने ऐसा कभी सोंचा भी नहीं था. अब वे हमलोगों के लिए प्रेरणा के स्रोत बन गए हैं. "
दूसरी तरफ उन्हें जानने वाले और उनके करीबी शहर मऊ के रहने वाले "राजेश" कहते हैं - " वाकई में उपेन्द्र जी ने जैसी सफलता कम समय में हासिल की है वह किसी के लिए भी प्रेरणादायक हो सकता है. खासकर हमलोगों के लिए जो बहुत छोटे शहरों से आते हैं. उन्होंने छोटे शहरों से आने वाले लोगों को इस भरोसे को मजबूत किया है कि यदि इरादे मजबूत हों तो कामयाबी कदम चूमती है. वैसे बेहद ही सरल व्यक्तित्व है उनका. मुंबई में पहली बार उनसे मुलाकात हुई. लेकिन पहली मुलाकात में वे ऐसे मिले जैसे वर्षों से जानते हैं. बेहद ही मिलनसार व्यक्तित्व है उनका. "
इंडस्ट्री में उनके मुरीद बहुतेरे हैं. वे यारों के यार हैं. दोस्तों के लिए मौके - बेमौके वे खड़े रहते हैं. ऐसे कई उदाहरण हैं जब उन्होंने अपने साथ काम करने वाले और दोस्तों की विपरीत हालात में मदद की है. यही दोस्त इनकी ताकत भी है.
अपने छोटे से पत्रकारिता करियर में उन्होंने कई बड़ी कामयाबियां हासिल की है. बतौर टेलीविजन पत्रकार उन्होंने कई बड़ों खबरों को ब्रेक किया है. वे जब स्टार न्यूज़ में थे तब भी ऑन स्क्रीन कम ही दिखते हैं और जब भी दिखते तो किसी बड़ी खबर के साथ. वे अपनी स्पेशल स्टोरीज के लिए जाने जाते हैं. फिल्ममेकर अकबर खान के साथ हुए विवाद के कारण भी उनका नाम सुर्ख़ियों में आया था. स्टार न्यूज़ में रहते हुए उन्होंने चैनल के लिए सहाराश्री सुब्रत रॉय का इंटरव्यू लिया था जिसे स्टार न्यूज़ पर प्रसारित भी किया गया था. इससे काफी लोगों को आश्चर्य हुआ था कि यह कैसे संभव हुआ. गौरतलब है कि उस इंटरव्यू को सहारा के चैनलों पर भी चलाया गया था.
उपेंद्र राय ने हार्ड न्यूज से लेकर मनोरंजन की दुनिया तक की कई बड़ी ख़बरों को ब्रेक किया है. 20 अक्टूबर 2005 को उन्होंने डीमेट एकाउंट घोटाला का पर्दाफाश किया था. इस घोटाले में कई दिग्गज लोग शामिल थे। इनलोगों ने गरीब लोगों ने नाम पर फर्जी डीमेट एकाउंट खोल रखे थे और घोटाले को अंजाम दे रहे थे. 26 अक्टूबर 2005-2006 के दौरान उपेंद्र ने फिल्म स्टार अमिताभ बच्चन सहित अन्य कलाकारों के कमाई का लेखा जोखा पेश किया और टैक्स से जुड़े सारे मामले सामने लाये. यह खबर भी उन दिनों काफी चर्चित रही.
5 जनवरी 2007 को उन्होंने घोड़े के कारोबार से जुडे हसन अली की खबर ब्रेक की . इस खबर से उन्होंने 36 हजार करोड के घोटाले का पर्दाफाश किया. इसके अलावा भी उन्होंने कई ख़बरें ब्रेक की है. कहा जाता है कि जब अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या शादी को लेकर कई तरह की अटकले लगायी जा रही थी तब उपेन्द्र राय ने ही सबसे पहले पुख्ता तौर पर उस खबर को स्टार न्यूज़ पर ब्रेक की थी.
अपनी इन्हीं रिपोर्टों की बदौलत उन्हें कई सम्मान भी मिले. साल 2007 में उन्हें बेस्ट टीवी न्यूज़ रिपोर्टर - हिंदी का न्यूज़ टेलीविजन अवार्ड मिला था. इसके अलावा स्टार की तरफ से इन्हें साल 2006 में स्टार अचीवर अवार्ड और साल 2007 में स्टार पत्रकार रत्न अवार्ड भी मिल चुका है. साल 2010 में इंदौर की संस्था भरोसा ट्रस्ट ने पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए इन्हें युवा पत्रकार सम्मान से सम्मानित किया.
ऐसा माना जाता है कि नेटवर्क के स्तर पर उपेन्द्र राय बेहद मजबूत हैं. कॉरपोरेट वर्ल्ड में भी इनकी अच्छी पकड़ है. संबंधों को बनाना और उसे निभाना उन्हें बखूबी आता है. सबसे बड़ी बात है - कई ध्रुवों को एक साथ लेकर उनकी चलने की क्षमता. उनके जितने मधुर संबंध सहाराश्री से है उतने ही अच्छे संबंध स्टार इंडिया के हेड उदय शंकर और सीएनबीसी के चैनल हेड संजय पुगलिया से है. जबकि दोनों जगहों पर नौकरी कर वे छोड़ चुके हैं. यह अपने आप में बड़ी बात है. ये जिस भी संस्थान में गए वहां तेजी से उनकी पहचान बनी. सभी बॉस के बेहद करीबी रहे. सबने उनकी प्रतिभा का लोहा माना. सबसे बड़ी बात की संस्थान को छोड़ने के बावजूद उनके संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ा. आमतौर पर ऐसे मौकों पर कई बार दरार पड़ जाती है. लेकिन उपेन्द्र राय ने ऐसा होने नहीं दिया. यह उनकी बहुत सारी खूबियों में से एक है. साथ ही उनकी काबिलियत को भी दर्शाता है.
बीएजी फिल्म्स के मैनेजिंग एडिटर अजीत अंजुम से जब हमने उपेन्द्र राय और उनकी इस उपलब्धि के बारे में बातचीत की तो उपेन्द्र राय की तारीफ़ करते हुए वे कहते हैं – “ उपेन्द्र राय को मैं तब से जानता हूं , जब वो स्टार न्यूज के मुंबई मुख्यालय में असाइमेंट डेस्क पर थे . बाद में वो सीएनबीसी आवाज गए थे लेकिन दोबारा वापस स्टार न्यूज लौट आए थे . स्टार न्यूज में रिपोर्टिंग के दौरान उपेन्द्र राय ने अपनी रिपोर्टिंग स्किल के जरिए एक मुकाम हासिल किया . इनकम टैक्स, फेरा , इनफोर्समेंट से लेकर तमाम तरह के आर्थिक घोटालों पर उपेन्द्र राय ने धमाकेदार स्टोरी की , जिसका जबरदस्त असर हुआ . स्टार में उन्हें उस समय स्टार न्यूज के सीईओ उदय शंकर की तरफ बेस्ट टेलेंट का इंटरनल अवार्ड भी दिया गया था . शायद ही कोई ऐसा सप्ताह होता था , जब उपेन्द्र राय की एक्सक्लूसिव ब्रेकिंग न्यूज स्टार न्यूज पर नहीं होती थी . बहुत कम समय में उपेन्द्र ने बहुतों को पीछे छोड़ा तो कहीं न कहीं इसका श्रेय उनकी लगन और जिद को जाता है .
स्टार न्यूज में रहते हुए उपेन्द्र ने पहचान बनाई ही सहारा समय में शीर्ष पद पर पहुंचकर तमाम जिम्मेदारियों को निभाते हुए उपेन्द्र राय ने धुंआंधार लिखना शुरू कर दिया है . मैं हमेशा से मानता हूं कि प्रतिभा उम्र और सीनियरिटी का मोहताज नहीं होती . अगर आदमी में कुछ करने और पाने की जिद हो , तो वो रास्ते खुद ही बनाता चला जाता है . उपेन्द्र राय को शायद 2003 में मैंने स्टार न्यूज के असाइमेंट डेस्क पर देखा था , लेकिन उसकी स्पीड , न्यूज सेंस और नेटवर्किंग देखकर इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता था कि बंदे में दम है ...2005- 2007 के बीच तो उपेन्द्र स्टार न्यूज के स्टार रिपोर्टर बन चुके थे.
उपेन्द्र राय संपर्कों के धनी तो हैं हीं , ऊर्जावान और मेहनती भी हैं . तभी तो इतनी कम उम्र में वो यहां तक पहुंचे हैं . जहां बड़े - बड़े मठाधीश किलेबंदी करके बैठे होते हैं , वहां पहुंचना आसान नहीं होता लेकिन उपेन्द्र ने एक मुकाम तो हासिल कर ही लिया है .”
स्टार न्यूज में रहते हुए उपेन्द्र ने पहचान बनाई ही सहारा समय में शीर्ष पद पर पहुंचकर तमाम जिम्मेदारियों को निभाते हुए उपेन्द्र राय ने धुंआंधार लिखना शुरू कर दिया है . मैं हमेशा से मानता हूं कि प्रतिभा उम्र और सीनियरिटी का मोहताज नहीं होती . अगर आदमी में कुछ करने और पाने की जिद हो , तो वो रास्ते खुद ही बनाता चला जाता है . उपेन्द्र राय को शायद 2003 में मैंने स्टार न्यूज के असाइमेंट डेस्क पर देखा था , लेकिन उसकी स्पीड , न्यूज सेंस और नेटवर्किंग देखकर इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता था कि बंदे में दम है ...2005- 2007 के बीच तो उपेन्द्र स्टार न्यूज के स्टार रिपोर्टर बन चुके थे.
उपेन्द्र राय संपर्कों के धनी तो हैं हीं , ऊर्जावान और मेहनती भी हैं . तभी तो इतनी कम उम्र में वो यहां तक पहुंचे हैं . जहां बड़े - बड़े मठाधीश किलेबंदी करके बैठे होते हैं , वहां पहुंचना आसान नहीं होता लेकिन उपेन्द्र ने एक मुकाम तो हासिल कर ही लिया है .”
दूसरी तरफ उपेन्द्र राय के बारे में वरिष्ठ पत्रकार और आजाद न्यूज़ के न्यूज़ डायरेक्टर अम्बिकानन्द सहाय कहते हैं - " मैं उपेन्द्र राय को बतौर रिपोर्टर जानता हैं. वे एक बेहतरीन रिपोर्टर रहे हैं. अब उन्हें प्रशासक बनने का मौका मिला है तो देखने वाली बात होगी कि वे अपनी भूमिका कैसे निभाते हैं. लेकिन मुझे लगता है वे प्रशासक के रूप में भी सफल होंगे. उनकी सफलता वाकई में बड़ी है. उनपर प्रभु की विशेष कृपा है. उनको बधाई. "
आमतौर पर काबिल -से-काबिल पत्रकार या संपादक को कंटेंट के साथ - साथ मैनेजमेंट का ज़िम्मा भी सौपा जाता है तो कई बार वह लड़खड़ा जाता है . ऐसे दर्जनों उदाहरण टेलीविजन न्यूज़ इंडस्ट्री में है. क्योंकि उसके लिए वे तैयार नहीं होते . लेकिन उपेन्द्र राय ने पूरी तैयारी की. अपने हरेक वक़्त का सदुपयोग किया. मुंबई में नौकरी करते हुए ही उन्होंने मैनेजमेंट की पढाई भी कर ली. एक प्रतिष्ठित संस्थान से उन्होंने सीएनबीसी आवाज़ में रहते हुए एमबीए का कोर्स कर लिया. यह सब एक तरह से उनकी दूरदर्शिता की और इंगित करता है. आने वाले समय की आहट को पहचान कर उन्होंने पहले ही तैयारी कर ली. उनकी इस सफलता से प्रभावित होकर एक टेलीविजन पत्रकार प्रभाकर ( बदला हुआ नाम) ने मैनेजमेंट की पढाई शुरू कर दी है. प्रभाकर का मानना है कि उपेन्द्र राय यदि न्यूज़ डायरेक्टर बने हैं तो उसमें उनकी एमबीए की डिग्री का भी बहुत बड़ा योगदान है. प्रभाकर मानते हैं कि ऊपर के लेवल पर पहुँचने के लिए ऐसा करना जरूरी है. तो बहुत सारे युवा पत्रकार उन्हें रोल मॉडल की तरह ले रहे हैं. उनकी कामयाबी से वे चमत्कृत है. लेकिन यह सफलता उन्हें यूँ ही नहीं मिली. इसके लिए उन्होंने खूब मेहनत की. पूरे जूनून से काम किया. अपने हरेक समय का सदुपयोग किया. तब जाकर आज सफलता की बुलंदियों पर हैं.
उपेन्द्र राय का करियर ग्राफ :
फ्रीलांस जर्नलिस्ट ( जनवरी 1998 से जून 2000)
हिन्दुस्तान, लखनऊ / राष्ट्रीय सहारा, लखनऊ / बीबीसी न्यूज़ , मुंबई
राष्ट्रीय सहारा , लखनऊ ( जून 2000 से नवम्बर 2000)
राष्ट्रीय सहारा , मुंबई ( दिसंबर 2000 से दिसंबर 2002) पद - ब्यूरो इंचार्ज
स्टार न्यूज़, मुंबई ( जनवरी 2003 से जून 2004) असाइंमेंट प्रोड्यूसर
स्टार न्यूज़, मुंबई ( जुलाई 2004 से अगस्त 2004) कॉरसपोंडेंट
सीएनबीसी टीवी18 - आवाज़ ( सितम्बर, 2004 से सितम्बर 2005) बतौर सीनियर कॉरसपोंडेंट ज्वाइन किया. एक साल के बाद तरक्की मिली और वे प्रिंसिपल कॉरसपोंडेंट बन गए.
स्टार न्यूज़ : प्रिंसिपल कॉरसपोंडेंट ( अक्टूबर 2005 से अक्टूबर 2006) सीनियर स्पेशल कॉरसपोंडेंट ( नवम्बर 2006 से जुलाई 2007) सीनियर एडिटर ( अगस्त 2007 से दिसंबर 2009)
(अगली बार फिर हाजिर होते हैं एक और यंग अचीवर के साथ. हमारी कोशिश होगी की सहारा मीडिया के न्यूज़ डायरेक्टर उपेन्द्र राय का इंटरव्यू भी जल्द आपके सामने प्रस्तुत करें. सहारा समय में हुए हाल के उथल - पुथल और उसके बाद की परिस्थितियों पर बात करने की उनसे हम कोशिश करेंगे. यह रिपोर्ट विविध सूत्रों से प्राप्त जानकारी और इंडस्ट्री के पत्रकारों से बातचीत के आधार पर तैयार किया गया हैं. यदि आपको इस रिपोर्ट में कोई कमी नज़र आती है तो कृपया बताएं. हम और इसे और बेहतर करने की कोशिश करेंगे. )
आमतौर पर काबिल -से-काबिल पत्रकार या संपादक को कंटेंट के साथ - साथ मैनेजमेंट का ज़िम्मा भी सौपा जाता है तो कई बार वह लड़खड़ा जाता है . ऐसे दर्जनों उदाहरण टेलीविजन न्यूज़ इंडस्ट्री में है. क्योंकि उसके लिए वे तैयार नहीं होते . लेकिन उपेन्द्र राय ने पूरी तैयारी की. अपने हरेक वक़्त का सदुपयोग किया. मुंबई में नौकरी करते हुए ही उन्होंने मैनेजमेंट की पढाई भी कर ली. एक प्रतिष्ठित संस्थान से उन्होंने सीएनबीसी आवाज़ में रहते हुए एमबीए का कोर्स कर लिया. यह सब एक तरह से उनकी दूरदर्शिता की और इंगित करता है. आने वाले समय की आहट को पहचान कर उन्होंने पहले ही तैयारी कर ली. उनकी इस सफलता से प्रभावित होकर एक टेलीविजन पत्रकार प्रभाकर ( बदला हुआ नाम) ने मैनेजमेंट की पढाई शुरू कर दी है. प्रभाकर का मानना है कि उपेन्द्र राय यदि न्यूज़ डायरेक्टर बने हैं तो उसमें उनकी एमबीए की डिग्री का भी बहुत बड़ा योगदान है. प्रभाकर मानते हैं कि ऊपर के लेवल पर पहुँचने के लिए ऐसा करना जरूरी है. तो बहुत सारे युवा पत्रकार उन्हें रोल मॉडल की तरह ले रहे हैं. उनकी कामयाबी से वे चमत्कृत है. लेकिन यह सफलता उन्हें यूँ ही नहीं मिली. इसके लिए उन्होंने खूब मेहनत की. पूरे जूनून से काम किया. अपने हरेक समय का सदुपयोग किया. तब जाकर आज सफलता की बुलंदियों पर हैं.
उपेन्द्र राय का करियर ग्राफ :
फ्रीलांस जर्नलिस्ट ( जनवरी 1998 से जून 2000)
हिन्दुस्तान, लखनऊ / राष्ट्रीय सहारा, लखनऊ / बीबीसी न्यूज़ , मुंबई
राष्ट्रीय सहारा , लखनऊ ( जून 2000 से नवम्बर 2000)
राष्ट्रीय सहारा , मुंबई ( दिसंबर 2000 से दिसंबर 2002) पद - ब्यूरो इंचार्ज
स्टार न्यूज़, मुंबई ( जनवरी 2003 से जून 2004) असाइंमेंट प्रोड्यूसर
स्टार न्यूज़, मुंबई ( जुलाई 2004 से अगस्त 2004) कॉरसपोंडेंट
सीएनबीसी टीवी18 - आवाज़ ( सितम्बर, 2004 से सितम्बर 2005) बतौर सीनियर कॉरसपोंडेंट ज्वाइन किया. एक साल के बाद तरक्की मिली और वे प्रिंसिपल कॉरसपोंडेंट बन गए.
स्टार न्यूज़ : प्रिंसिपल कॉरसपोंडेंट ( अक्टूबर 2005 से अक्टूबर 2006) सीनियर स्पेशल कॉरसपोंडेंट ( नवम्बर 2006 से जुलाई 2007) सीनियर एडिटर ( अगस्त 2007 से दिसंबर 2009)
(अगली बार फिर हाजिर होते हैं एक और यंग अचीवर के साथ. हमारी कोशिश होगी की सहारा मीडिया के न्यूज़ डायरेक्टर उपेन्द्र राय का इंटरव्यू भी जल्द आपके सामने प्रस्तुत करें. सहारा समय में हुए हाल के उथल - पुथल और उसके बाद की परिस्थितियों पर बात करने की उनसे हम कोशिश करेंगे. यह रिपोर्ट विविध सूत्रों से प्राप्त जानकारी और इंडस्ट्री के पत्रकारों से बातचीत के आधार पर तैयार किया गया हैं. यदि आपको इस रिपोर्ट में कोई कमी नज़र आती है तो कृपया बताएं. हम और इसे और बेहतर करने की कोशिश करेंगे. )
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