Sunday, 11 December 2011

सोशल नेटवर्किंग पर अभिव्यक्ति की आजादी के मायने ?

सोशल नेटवर्किंग पर लगाम कसने की खबर से कोहराम मचा हुआ है। राजनीतिक व सामाजिक स्तर पर बहस जारी है। केन्द्रीय दूर संचार और सूचना टेक्नोलॉजी मंत्री कपिल सिब्बल ने जब यह कहा कि उनका मंत्रालय इंटरनेट में लोगों की छवि खराब करने वाली सामग्री पर रोक लगाने की व्यवस्था विकसित कर रहा है और सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स से आपत्तिजनक सामग्री को हटाने के लिए एक नियामक व्यवस्था बना रही है। हडकंप मचना जाहिर सी बात है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार का मीडिया पर सेंसर लगाने का कोई इरादा नहीं है। सरकार ने ऐसी वेबसाइट्स से संबंधित सभी पक्षों से बातचीत की है और उनसे इस तरह की सामग्री पर काबू पाने के लिए अपने पर खुद निगरानी रखने का अनुरोध किया। लेकिन सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स के संचालकों ने इस बारे में कोई ठोस जवाब नहीं दिया।

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