नई दिल्ली. मजबूत लोकपाल की मांग पर अड़े अन्ना हजारे का एक दिन का सांकेतिक अनशन शुरू हो गया है। जंतर-मंतर स्थित मंच पर पहुंचने के बाद उन्होंने सबसे पहले हाथ हिलाकर अपने समर्थकों का अभिवादन किया और 'भारत माता की जय' के नारे लगाए। जंतर-मंतर पर अन्ना के साथ चार और लोग अनशन पर बैठे हैं। इनमें अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया, कुमार विश्वास और संजय सिंह शामिल हैं।
टीम अन्ना की सदस्य किरण बेदी के अलावा शमून काजमी और संजय सिंह ने मंच से लोगों को संबोधित किया। टीम के अन्य सदस्य कुमार विश्वास मंच संचालन कर रहे हैं। अन्ना हजारे ने देशवासियों से अनशन की अपील की है। दिल्ली समेत 45 शहरों में अन्ना समर्थक सांकेतिक अनशन पर बैठेंगे। मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, लखनऊ, चंडीगढ़, हैदराबाद, भोपाल, पुणे, अहमदाबाद, बैंगलोर समेत और कई शहरों में अन्ना समर्थकों का धरना सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे तक चलेगा।
मुंबई में टैक्सीवालों ने अन्ना के समर्थन में उतरने का ऐलान किया है। इससे पहले अन्ना हजारे रविवार सुबह महाराष्ट्र सदन से सीधे राजघाट पहुंचे। अन्ना ने बापू की समाधि पर मत्था टेका। अन्ना समाधि के समीप करीब आधे घंटे तक मौन-ध्यान पर भी बैठे। राजघाट पर अन्ना के साथ उनकी टीम के कुछ सदस्य भी मौजूद रहे। जंतर-मंतर पर अन्ना समर्थकों का जुटना शुरू हो गया है। 128 लाउड स्पीकरों के इंतजाम किए गए हैं। दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर और आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।
करीब एक हजार कांस्टेबल तैनात किए हैं। अन्ना हजारे ने सरकार पर देश को धोखा देने का आरोप लगाया है। अन्ना ने कहा कि अगर 22 दिसंबर तक उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे 27 दिसंबर से आंदोलन करेंगे। अन्ना ने कहा कि वे 27 दिसंबर से आंदोलन शुरू करेंगे और अगले दो साल यानी लोकसभा चुनाव तक इसे जारी रखेंगे। सरकार के लोकपाल विधेयक के विरोध में अन्ना ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘पूरे देश को धोखा दिया गया है। हमें लगता है कि इसके पीछे राहुल गांधी का हाथ है।
आप भी नेताओं से पूछिए लोकपाल पर सवाल टीम अन्ना ने रविवार को अन्ना के अनशन के दौरान लोक पाल पर बहस के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों को न्यौता भेजा है। इस बहस में राजनीतिक नेताओं को लोकपाल पर जनता के सामने अपना पक्ष रखने और लोगों को उनसे सवाल करने का मौका मिलेगा। टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने बताया कि भाजपा से अरुण जेटली, सपा से राम गोपाल यादव, सीपीआई से ए बी बर्द्धन, माकपा से वृंदा करात, जद(यू) से शरद यादव, बीजद से पिनाकी मिश्रा और टीडीपी से चंद्र बाबू नायडू इस बहस में हिस्सा लेंगे। जबकि कांग्रेस और इसकी अगुवाई में केंद्र की यूपीए सरकार में सहयोगी दलों का कोई प्रतिनिधि मौजूद नहीं रहेगा। यह बहस दोपहर डेढ़ बजे से शाम पांच बजे तक चलेगी।
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