कृपया ध्यान दें...मोबाइल धारकों के लिए जरूरी खबर ?
नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तत्कालीन केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ए. राजा के कार्यकाल में आवंटित किए गए 122 लाइसेंस को रद्द किए जाने का उपभोक्ताओं पर प्रभाव पड़ेगा। अब उन्हें अपनी सेवा प्रदाता कंपनी बदलनी पड़ सकती है। इसके लिए एक निश्चित प्रक्रिया से गुजरना होगा। ट्राई ग्राहकों को कंपनी बदलने का समय देगा।
पर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने भरोसा दिलाया है कि इसका ज्यादा प्रभाव नहीं होगा। क्योंकि 90 फीसदी से अधिक बाजार स्थापित दूरसंचार कम्पनियों के पास है। ट्राई के अध्यक्ष जे.एस. शर्मा ने कहा, "जिन कम्पनियों के लाइसेंस रद्द किए गए हैं उनको छोड़कर बाकी बची दूरसंचार कम्पनियों के पास बाजार का 90 फीसदी से अधिक हिस्सा है इसलिए मैं यह नहीं समझता कि इससे कोई विशेष बदलाव आएगा।"
उन्होंने कहा कि, ग्राहक कभी भी एमएनपी के सहारे अपनी पसंद की कम्पनी का चुनाव कर सकते हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने उन कम्पनियों को अपनी सेवा बंद करने के लिए चार महीने का समय दिया है, जिनके लाइसेंस रद्द किए गए हैं।
ग्राहकों के लिए अपने मोबाइल नम्बर को दूसरी कम्पनी में स्थानांतरित करने के लिए यह काफी लम्बा समय है। ग्राहक मोबाइल नम्बर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) सेवा के सहारे बिना अपना नम्बर बदले पुरानी कम्पनी को छोड़कर किसी और कम्पनी की सेवा ले सकते हैं।
शर्मा ने कहा कि इस सुविधा में एक बाधा सिर्फ यह है कि जो ग्राहक 90 दिनों से कम समय से किसी कम्पनी के ग्राहक हैं, वे ऐसा नहीं कर सकते हैं। इसलिए हम प्रावधान में बदलाव करने की योजना बना रहे हैं ताकि ग्राहक 90 दिनों से पहले भी अपना नम्बर किसी अन्य कम्पनी में स्थानांतरित करवा सकें।
एमएनपी सेवा का लाभ उठाने के लिए ग्राहक को उस कम्पनी को 19 रुपये देने होते हैं, जिसकी सेवा वह लेना चाहता है। ग्राहक को इसके साथ ही उस कम्पनी की सेवा में कम से कम तीन महीने के लिए रहना जरूरी है। ऐसा करने के लिए ग्राहक को अपने मोबाइल फोन से 1900 पर एक एसएमएस भेजना होता है, जिसके बाद उसे एक विशेष कूट संख्या दी जाती है।
सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महानिदेशक राजन मैथ्यू ने कहा, "वस्तुत: चार महीने का समय सरकार को नई व्यवस्था तैयार करने के लिए दिया गया है। चार महीने के बाद कम्पनी के लाइसेंस रद्द होने के बाद भी ग्राहक एमएनपी के सहारे नई कम्पनी की सेवा ले सकते हैं।"
टाटा टेलीसर्विसेज, यूनीनॉर, लूप टेलीकॉम, वीडियोकॉन, एस टेल और आईडिया सेल्युलर के कुछ सर्किलों के लाइसेंस रद्द किए जाएंगे। उन कम्पनियों के लाइसेंस रद्द नहीं किए जाएंगे, जिन्हें 2008 से पहले लाइसेंस जारी किए गए हैं। साथ ही 3जी सेवा के लाइसेंस भी रद्द नहीं किए जाने हैं, जिनकी नीलामी की गई थी।
सर्वोच्च न्यायालय ने यूनीटेक, स्वान टेलीकॉम और टाटा टेलीसर्विसेज पर प्रत्येक को पांच-पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया और कहा कि इस राशि का आधा हिस्सा न्यायालय के कानूनी सहायता सेवा को और शेष राशि रक्षा सेवाओं को दी जाएगी। अन्य कम्पनियों पर अलग-अलग जुर्माना लगाया गया।
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