अहमदीनेजाद ने अमेरिका को धमकाया ?
तेहरान. ईरान के राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने बुधवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि ईरान बम नहीं बना रहा है। परमाणु का मतलब सिर्फ बम ही नहीं होता है, अमेरिका और इजराइल पर तीखा प्रहार करते हुए अहमदीनेजाद ने कहा कि वो ईरानी वैज्ञानिकों को इसलिए मार रहे हैं क्योंकि वो नहीं
चाहते कि कोई और मुल्क आगे बढ़े, हमारे वैज्ञानिकों ने इस उपलब्धि को हासिल करने में बहुत मेहनत की है।
चाहते कि कोई और मुल्क आगे बढ़े, हमारे वैज्ञानिकों ने इस उपलब्धि को हासिल करने में बहुत मेहनत की है।
ईरान ने अपने परमाणु रिएक्टर में पहली बार देश में ही संवर्द्धित परमाणु ईंधन रॉड लगाने के साथ-साथ पश्चिमी देशों पर विज्ञान, विशेष तौर पर परमाणु तकनीक पर एकाधिकार जमाने का आरोप लगा या है.महत्वपूर्ण है कि अमरीका और इसराइल ईरान पर परमाणु हथियार कार्यक्रम चलाने का आरोप लगाते हैं जबकि ईरान इसका खंडन करता है. हथियार बनाने लायक यूरेनियम कम से कम 85 प्रति शत संवर्द्धित होना चाहिए ईरान ने घोषणा की है उसने परमाणु संवर्द्धन के प्रयासों में 3000 अतिरिक्त सेंट्रीफ़्यूज लगाए हैं और अब उसके पास ऐसे 9000 परमाणु उपकरण हैं.
ईरान के राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने घोषणा की है ईरान अपने कार्यक्रम के तहत इस्तेमाल किए जा रहे परमाणु उपकरणों को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के निरीक्षण के लिए रखेगा और आईएईए के सभी सदस्य देशों के साथ परमाणु जानकारी सांझा करेगा.
'समय बदल गया, साम्राज्यों का समय नहीं रहा'
तेहरान में एक समारोह के दौरान पहली परमाणु संवर्द्धित रॉड रिएक्टर में डालने के बाद राष्ट्रपति महमूद अहमदिनेजाद ने कहा, "ईरान के ख़िलाफ़ प्रॉपेगेंडा, प्रतिबंधों के प्रस्ताव और दबाव लाया गया लेकिन इससे ईरान को कोई फ़र्क नहीं पड़ा है. वे (पश्चिमी देश) नहीं चाहते की ज्ञान और प्रगति पूरी दुनिया तक फैले. जो देश तरक्की करना चाहता है उसे इन दबावों और अड़चनों के खिलाफ़ लड़ना पड़ेगा."
पश्चिमी देशों पर ईरानी विज्ञानिकों की हत्या का आरोप लगाते हुए अहमदीनेजाद ने कहा, "समय बदल गया है...ये साम्राज्यों का समय नहीं है. लोग बदल गए हैं, संस्कृति बदल गई है. जब ईरान की बात होती है तो वे (पश्चिमी देश) कहते हैं सभी विकल्प खुले हैं. तो खुले हो...मेरी सलाह है कि वे अपना रुख बदलें...हमारे परमाणु कार्यक्रम का विरोध करना बंद करें."
ईरान के सरकारी टीवी चैनल पर बुधवार को हुए इस समारोह का सीधा प्रसारण दिखाया गया जिसमें वैज्ञानिक राष्ट्रपति अहमदीनेजाद को पूरी प्रक्रिया के बारे में जानकारी दे रहे थे, समारोह में बोलते हुए ईरान के राष्ट्रपति ने कहा, "ईरान ने 3000 नए सेंट्रीफ़्य़ूज बनाए हैं और अधिकतर देश में बने हैं. बिना मदद के ईरान में ही हज़ारों विज्ञानिक काम कर रहे हैं.ये पूरी मानवता की उपलब्धी है, हम इन्हें अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के निरीक्षण में रखेंगे और सभी सदस्यों से जानकारी को सांझा करेंगे.
पश्चिमी देशों पर तीखे प्रहार करते हुए अहमदीनेजाद ने कहा कि उन्होंने 80 अरब डॉलर एक परमाणु बम पर खर्च करते हैं और एक बम से पाँच लाख लोग मर सकते हैं, उनका आगे कहना था, "पश्चिमी देश कई बार पृथ्वी को ध्वस्त कर सकते हैं. क्या इसी को प्रगति कहते हैं? वे कहते हैं बात करना चाहते हैं. वे हमें मेज़ पर बुलाकर चाह ते हैं कि हम हस्ताक्षर कर दें, क्या इसे बातचीत कहते हैं, ईरान ने बार-बार कहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम केवल शांतिपूर्ण मकसदों के लिए है.
अमेरिका और पश्चिमी देशों पर सीधा हमला करते हुए अहमदीनेजाद ने कहा कि अब तक घमंडी ताकतें विश्व का शोषण करती रही हैं। उन्होंने विश्व को लूटा है, पश्चिमी देश विज्ञान और ज्ञान पर अपना एकाधिकार समझते हैं और बाकी दुनिया को तकनीक से दूर रखा जाता है। दुनिया में जहां भी लोग परमाणु शब्द सुनते हैं वो इसका मतलब सिर्फ बम ही समझते हैं .
दुनिया को देखना चाहिए की ईरान के साथ क्या हो रहा है। ये घमंडी ताकतें हमारे वैज्ञानिकों का कत्ल कर रही हैं क्योंकि वो नहीं चाहती कि दुनिया का कोई और देश तरक्की करे, वो हमारे बच्चों की जान ले रहे हैं। सवाल यह है कि ईरान के वैज्ञानिकों ने इन घमंडी ताकतों का क्या बिगाड़ा है।
पश्चिमी देश परमाणु रिएक्टर बना सकते हैं लेकिन जब हम बनाते हैं तो हम पर प्रतिबंध लगाए जाते हैं और हमे सबसे अलग किया जाता है। लेकिन अब जोर जबरदस्ती और डराने धमकाने का वक्त खत्म हो गया है, हमारे दुश्मन ताकतवर नहीं है, अमेरिका कमजोर हो रहा है। हमने दिखा दिया है कि हम क्या कर सकते हैं।
किसी दूसरे देश से परमाणु रिएक्टरों के लिए ईधन लेने में वक्त लगता इसलिए हमने स्वयं इसे बना लिया, दुनिया को यह देखना चाहिए कि इस वक्त कितने देशों के पास परमाणु बम है। उनके पास दस हजार से ज्यादा एटमी बम हैं और वो कहते हैं कि वो एटमी बम के खिलाफ हैं।
ईरान अपने ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए परमाणु तकनीक हासिल कर रहा है। यह ऊर्जा और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए हैं, परमाणु ईधन हासिल करने की क्षमता में हमने 50 प्रतिशत बढ़ोत्तरी की है। इस समय हमारे पास 9000 न्यूक्लियर सेंट्रीफ्यूज हैं, हमारे नए सेंट्रीफ्यूज पुराने सेंट्रीफ्यूज के मुकाबले तीन गुना ज्यादा ताकतवर हैं।
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