Friday 10 February 2012


बधाई मिली बेटा होने की, गोद लिया तो निकला कुछ ?

जालंधर.बधाई मिली पोते के जन्म की। कुछ देर बाद जब बच्चा गोद में आया, तो यह पोती थी। फिर क्या था, सिविल अस्पताल के गायनी वार्ड में हंगामा हो गया। आरोप लगा कि बच्चा बदल दिया गया है, अस्पताल प्रबंधन और नर्स मान नहीं रही थी। करीब सात घंटे तक बहसबाजी चलती रही। परिजन डीएनए टेस्ट की मांग कर रहे थे, लेकिन आखिरकार साबित हो गया कि बच्ची का ही जन्म हुआ था।

‘बधाई हो बधाई’ ने करवाया झमेलात्न गांव मंड में रहने वाली कृष्णा देवी ने बताया कि उसकी बहू सुनीता को बुधवार को अस्पताल के गायनी वार्ड में भर्ती करवाया गया था। डाक्टरों ने बताया कि सीजेरियन ऑपरेशन करना पड़ेगा। दोपहर के वक्त अस्पताल की महिला कर्मचारी कमला उनके पास आई और बधाई दी कि उनके घर बेटा हुआ है। खुशी में उन्होंने तीन सौ रुपए उसे दिए और अपने गांव
में फोन किया।

परिवार वालों ने आसपास लड्डू बांटे और बच्चे के ननिहाल वडाला में भी खुशी का आलम छा गया। कुछ पल बाद ही महिला कर्मचारी बच्चे को डाक्टरी जांच और कपड़े बदलने की बात कहकर ले गई। करीब एक घंटे बाद बच्चा लौटाया। रात करीब 9 बजे बच्चे के कपड़े गीले हो गए। उसे बदलने के दौरान देखा कि वह लड़की है। अस्पताल के स्टाफ से पूछा, तो उन्होंने बताया कि लड़की ही पैदा हुई थी। रात को सास-बहू चुप रहे।

सुबह सात बजे जैसे ही सुनीता का पति लक्ष्मण और जेठ साबी वहां आए, हंगामा शुरू हो गया। आरोप लगाया गया कि स्टाफ ने बच्चा बदल दिया है। पेशे से ड्राइवर लक्ष्मण और साबी की कर्मचारियों से तीखी बहस हुई। इसी बीच सुनीता का वह रिश्तेदार भी आ गया, जिसने इमरजेंसी वार्ड की डाक्टर गुरमीत कौर से बेटी पैदा होने की पर्ची बनवाई थी। हंगामा जारी था।

दोपहर करीब 12 बजे सुनीता के परिजन मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डा. अवतार चंद के दफ्तर में पहुंच गए और डीएनए टेस्ट की मांग करने लगे। यहां सुनीता का ऑपरेशन करने वाली डा. परमिंदर कौर, चाइल्ड स्पेशलिस्ट जसमिंदर कौर, नर्स कांता व अन्य स्टाफ भी मौजूद था। इस बीच ताया ने यह आरोप लगाया कि नर्स ने उनसे फाइल के अलावा तीन सौ रुपए लिए हैं। नर्स ने कहा कि ऑपरेशन के दौरान केवल सुनीता की सास वहां थी।

कुछ दवाओं की जरूरत पड़ी, तो उसने खुद के पैसे देकर वह मंगवा लीं और वही पैसे वापस लिए थे। डा. अवतार चंद ने बताया कि वे इसकी भी जांच करवाएंगे। उन्होंने रिकार्ड मंगवाया। जिसमें पता चला कि बुधवार दोपहर 12 बजे से शाम करीब 7 बजे तक दो लड़के व पांच लड़कियां वार्ड में पैदा हुई थी। लड़के पहले पैदा हुए और बाद में लड़कियां। जांच के बाद परिवार वालों ने मान लिया कि उनके यहां बेटी ही पैदा हुई है।

मैंने तो सिर्फ बधाई दी थीत्न नर्स कमला ने बताया कि उसने बधाई शब्द कहा था। कृष्णा देवी को यह लगा होगा कि बेटे के जन्म की बधाई दे रही है। बच्चे तो भगवान का रूप होते हैं। एमएस अवतार चंद ने कहा कि कमला की ड्यूटी हड्डियों के वार्ड में होती है। पहले दिन गायनी वार्ड में ड्यूटी लगाई गई थी।

गायनी वार्ड में पैदा हुए बच्चों का ब्योरा
केस नंबर -1 : बुधवार सुबह 11.29 बजे गांव तल्हण की रहने वाली परमजीत कौर ने बेटे को जन्म दिया। केस नंबर-2 : दोपहर 12.43 बजे बस्ती गुजां की पूजा ने बेटे को जन्म दिया। बच्चा कमजोर है। उसे डाक्टरों की निगरानी में बच्चा वार्ड में रखा गया है। केस नंबर -3 : दोपहर 1.06 बजे मंड की रहने वाली सुनीता के सीजेरियन ऑपरेशन से बेटी पैदा हुई। वजन तीन किलो था। केस नंबर-4: दोपहर 1.40 बजे कबीर नगर की रहने वाली मनप्रीत कौर ने एक बेटी को जन्म दिया। केस नंबर- 5: दोपहर 1.59 बजे गांव बडाला की कमलजीत कौर ने एक बेटी को जन्म दिया। केस नंबर-6 : बुधवार देर शाम गांव लल्लियां की रहने वाली बलविंदर कौर ने एक बेटी को जन्म दिया।
सुनीता ने बेटी को जन्म दिया था। यह बात तो सरासर झूठ है कि बच्चा बदला गया है।
-डॉ. परमिंदर कौर,सुनीता का आपरेशन करने वाली डाक्टर

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