फलक: मिलने लगा बिछड़ा परिवार ?
नई दिल्ली. फलक मामले में पुलिस को लगातार सफलता मिलती जा रही है। सोमवार रात को मुन्नी की बड़ी बेटी (फलक की बड़ी बहन) को मुजफ्फरपुर से बरामद किया गया और मंगलवार सुबह उसे दिल्ली लाकर मुन्नी के हवाले कर दिया गया।
मां को बेटी सीडब्ल्यूसी अधिकारियों के सामने हौजखास
थाने में सौंपी गई। पुलिस को मुन्नी के बेटे का सुराग भी मिल गया है और माना जा रहा है कि जल्द ही पुलिस उस तक भी पहुंच जाएगी। इतना ही नहीं पुलिस के सामने इस पूरे मामले में कुछ और भी नाम आए हैं, जिनके संबंध में पुलिस पूरे तथ्य जुटाने में लगी है।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक मुन्नी को बेचने वाली लक्ष्मी से जानकारी मिली थी कि उसने मुन्नी की साढ़े तीन साल की बच्ची को मुजफ्फरपुर में अपने रिश्तेदार के यहां रखा हुआ है।
दिल्ली पुलिस की टीम ने बताए गए मकान पर सोमवार रात छापा मारा, लेकिन वहां कोई नहीं मिला। मगर पुलिस ने पड़ोस से बच्ची को बरामद कर लिया।
पुलिस के मुताबिक लक्ष्मी के रिश्तेदारों को पुलिस के पहुंचने की जानकारी मिल गई थी, जिसके चलते वे बच्ची को पड़ोसियों के घर छोड़कर गायब हो गए। मंगलवार सुबह बच्ची को लेकर दिल्ली पहुंची पुलिस ने बच्ची को उसकी मां मुन्नी के हवाले कर दिया। इसके बाद दोनों को नारी निकेतन भेज दिया गया।
पुलिस सूत्रांे के अनुसार मुन्नी के बड़े बेटे का सुराग भी पुलिस को चल गया है, जिसे बरामद करने के लिए पुलिस राजस्थान के लिए रवाना हो गई है। ज्ञात रहे कि मुन्नी जब एक युवक के झांसे में आकर दिल्ली पहुंची तो यहां लक्ष्मी नामक महिला ने अपनी अन्य दो साथियों कांता व सरोज के साथ मिलकर मुन्नी को बेच दिया था।
राजस्थान के जिस हरपाल नामक युवक से उसकी शादी कराई गई थी, उससे इन्होंने तीन लाख रुपए लिए थे। लक्ष्मी और कांता को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि सरोज अभी फरार है।
दो और गिरफ्तार
मुन्नी की कहानी सामने आने के बाद मानव तस्करी और उनसे गलत धंधे कराने वाले गिरोह तक पहुंचने में जुटी पुलिस के सामने दो और नाम आए हैं। ये नाम है राहुल और राणा। पुलिस ने दोनों को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस को पता चला है कि ये दोनों व्यक्ति भी इस पूरे गिरोह से जुड़े हो सकते हैं।
गृह मंत्रालय ने तलब की रपट
एम्स ट्रामा सेंटर में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही दो वर्षीय बच्ची फलक को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस से रपट तलब की है। मंत्रालय ने इस मामले को मानव तस्करी से जुड़ा मानते हुए दिल्ली पुलिस से अब तक की गई कार्रवाई का ब्यौरा देने को कहा है।
गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव बी भामति ने इसे मानव तस्करी का मामला करार देते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस से रपट तलब की गई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस यह पता लगाने के उद्देश्य से जांच कर रही है कि दो साल की बच्ची की इस हालत के लिए जिम्मेदार है।
उन्होंने कहा कि मामले की जांच में अगर यह सामने आया कि कोई दोषी है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। फलक को एम्स ट्रामा सेंटर में 18 जनवरी को भर्ती कराया गया था। उसके सिर में गंभीर चोंटें थी।
उसके दोनों हाथ टूटे हुए थे और शरीर पर कई जगह दांत काटने के निशान थे। उसके गालों पर गर्म लोहे से जलाने के भी निशान थे। अस्पताल में भर्ती होने के बाद डॉक्टरों ने तुरंत उसके दिमाग की सर्जरी की थी और उसके बाद दो अन्य ऑपरेशन भी किए गए।
डॉक्टरों के हिसाब से फलक के ऐसे कई अन्य ऑपरेशन करने होंगे। लेकिन उसके खून में संक्रमण का स्तर कम न होने की वजह से फिलहाल कोई अन्य ऑपरेशन नहीं किया जा रहा है।
हीमोग्लोबिन बढ़ा, नहीं आया बुखार
एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती दो वर्षीय फलक की हालत में कुछ सुधार हुआ है। उसका हीमोग्लोबिन स्तर छह से बढ़कर नौ हो गया है। उसे बीते 24 घंटों से बुखार भी नहीं आया है।
अहम बात यह है कि उसकी खाना पचाने की प्रक्रिया कुछ काम करने लगी है। गौरतलब है कि उसे कृत्रिम रूप से भोज्य पदार्थ दिया जा रहा है। फलक के इलाज में जुटे डॉक्टरों का कहना है कि बीते 48 घंटों में उसकी हालत में लगातार सुधार हो रहा है।
अब उसके बचने की उम्मीद 60 प्रतिशत तक हो गई है। हालांकि शारीरिक क्षमता पर फिलहाल स्पष्टत: कुछ भी कहने से डॉक्टर बच रहे हैं। डॉक्टरों का अनुमान है कि अगर फलक बच जाती है तो भी उसे शारीरिक अक्षमता की समस्या रह सकती है।
डॉक्टरों का कहना है कि सोमवार से उसे नई एंटीबायोटिक दी जा रही है, जिसका असर दिखाने लगा है। गौरतलब है कि बीते 18 जनवरी को लगभग 15 वर्ष की एक लड़की जख्मी हालत में फलक को यहां लेकर आई थी। उस समय वह घायल थी। उसके खून, ब्रेन और छाती में संक्रमण था।
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