Sunday, 12 February 2012

जूनियर अफसर का आरोप- जनरल सिंह ने बिगाड़ा एसीआर


जनरल टीएस हांडा ने जनरल वीके सिंह पर सीधे-सीधे अपना करियर खराब करने का आरोप लगाया है

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार से समझौता करने पर भी सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह की मुश्किलें खत्म होती नहीं दिख रही हैं। आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्यूनल की चंडीगढ़ बैंच जनरल वीके सिंह के खिलाफ दायर एक मामले की सुनवाई कर रही है। सेना में कार्यरत मेजर जनरल टीएस हांडा ने आरोप लगाया है कि जनरल वीके सिंह ने उनकी सालाना गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) खराब कर दी क्योंकि उन्होंने उनके कहने पर डिप्टी मिलिट्री सेक्रेट्री रहते हुए जन्मतिथि में बदलाव नहीं किया। 
 
जनरल टीएस हांडा ने जनरल वीके सिंह पर सीधे-सीधे अपना करियर खराब करने का आरोप लगाया है। अपनी याचिका में मेजर जनरल टीएस हांडा ने कोर्ट से प्रार्थना की है कि वीके सिंह द्वारा तैयार की गईं उनकी सीआर को रद्द कर दिया जाए। इस मामले में 14 फरवरी को सुनवाई होगी। 
 
दिसंबर 2006 में तब ब्रिगेडियर टीएस हांडा सेना के नियुक्ति एवं शिकायत विभाग के डिप्टी मिलिट्री सेक्रेट्री थे। उनके आरोपों के मुताबिक उस वक्त लेफ्टिनेंट जनरल रहे जनरल वीके सिंह ने मिलिट्री सेक्रेट्री शाखा से अपनी जन्मतिथि में बदलाव का आग्रह करते हुए उसे 10 मई 1950 की जगह 10 मई 1951 करने के लिए कहा था। 
 
मिलिट्री सेक्रेट्री शाखा अपने रिकॉर्ड में जन्मतिथि वही रखती है जो संघ लोक सेवा आयोग फॉर्म में उम्मीदवार भरता है। यूपीएससी के रिकॉर्ड में जनरल वीके सिंह की जन्मतिथि 10 मई 1950 है। सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन के बिना जन्मतिथि में बदलाव नहीं किया जा सकता। 
 
जनरल हांडा ने आरोप लगाया है कि जनरल वीके सिंह को लगता था कि जन्मतिथि में बदलाव उनकी वजह से नहीं हुआ और इसी की खुन्नस उन्होंने उनकी गोपनीय रिपोर्ट में निकाली। 

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