Thursday, 16 February 2012


ओबामा को नागवार गुजर रहा भारतीयों की अमेरिका में नौकरी ?


वाशिंगटन.अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि वह अमेरिकी कंपनियों से भारत और चीन में इंजीनियरिंग,प्रौद्योगिकी और विज्ञान जै से क्षेत्रों में कुशल और शिक्षित कामगारों को अपने यहां नौकरी देने के पक्ष में नहीं है, ओबामा ने कहा कि इसको रोकने के लिए वह स्कूल और शिक्षकों को वह संसाधन उपलब्ध
कराएंगे जिसकी जरुरत उन्हें छात्रों को प्रशिक्षण और शिक्षित करने में होती है।

 ओबामा ने यह बात वित्त वर्ष 2013 के लिए कांग्रेस के वार्षिक बजट प्रस्तावों को देते हुए कही, उन्होंने कहा आज न्योक्ता सबसे कुशल,शिक्षित श्रमिक चाहता है, मैं नहीं चाहता कि अमेरिकी कम्पनियां इन्हें भारत और चीन में ढूंढे। मैं चाहता हूं कि कम्पनियां इन कामगारों को यहीं अमेरिका में खोजे।"
 पिछले महीने अपने संघीय भाषण में ओबामा ने कहा था कि उनका प्रशासन ऐसे फर्मों को प्रोत्साहन देगा जो देश में ही नौकरियां पैदा करेगी, यहां के एक उपनगर के एक सामुदायिक कॉलेज में अपने भाषण में ओबामा ने कहा " नियोक्ताओं द्वारा देखा जाने वाला कौशल और प्रशिक्षण पुरुषों और महिलाओं द्वारा हमारे बच्चों को शिक्षित करने से शुरू होता है। "
 राष्ट्रपति ने कहा कि वह चाहते हैं कि कांग्रेस अच्छे शिक्षकों को नौकरी में बनाए रखने के लिए स्कूलों को संसाधन उपलब्ध कराए और सबसे अच्छे शिक्षकों को इनाम दे, उन्होंने कहा "बदले में शिक्षक भी स्कूलों में लचीलापन अपनाए और सिर्फ टेस्ट भर लेने वाली शिक्षण कार्य न करे और ऐसे शिक्षकों को हटाएं जो बच्चों को सिखने में मदद नहीं कर पा रहे हैं। यह कुछ ऐसी चीजें हैं जो हम कर सकते हैं।"
 उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इस जुलाई से छात्रों को दी जाने वाली ऋण को दोगुना होने से रोकने कि जरुरत है, उन्होंने कहा "यह समय युवा लोगों के लिए स्कूल को और ज्यादा महंगा करने का नहीं है। और इस बदलाव को लाने के लिए उन्हें (कांग्रेस ) तुरंत ही कार्रवाई करने की जरुरत है। उन्हें ट्यूशन कर क्रेडिट,जिसे मेरे प्रशासन ने पिछले कुछ सालों से बजट में लेने का काम किया है,लेने की जरुरत है। और हमें इसे स्थायी करने की जरुरत है। 
 उन्होंने जोर देकर कहा कि इसे अस्थायी नहीं होना चाहिए;इसे स्थायी होना चाहिए, गौरतलब है कि टैक्स क्रेडिट से परिवारों को ट्यूशन पर हजारों डॉलर की बचत होती है।

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