दस दस रूपये रोज़ पर बिकता है कानून ?
सैफ़ी पोस्ट न्यूज़
हमारे राज्य यूपी ओर दिल्ली मैं जाम एक बड़ी समस्या बना हुआ है, सरकार सैंकड़ों करोड़ रूपया जाम से छुटकारे के लिए ख़र्च कर रही है लेकिन जाम है कि खुलने का नाम ही नहीं लेता वजह क्या है कुछ तस्वीरों से आपको हम बताने की कोशिश कर रहे हैं.
तस्वीरे लालकुंआ, आनंदविहार, दादरी नोएडा मोड़, परीचौक नोएडा की हैं, बाकी हर चौराहे का यही हाल है जो इन तस्वीरों मैं है बल्कि कुछ का तो इससे भी बुरा है, जो हम समय समय पर आपको दिखाते रहेंगे.
अब आते हैं जाम पर जाम लगता क्यूं है जो हम लिखने जा रहे हैं वो आपने भी कभी ना कभी देखा ओर महसूस किया होगा, होता ये है कि हर चौराहे पर थ्रीव्हीलर ओर डग्गामार वाहन वाले बड़ी ही आज़ादी के साथ खड़े होते हैं, इनको किसी का डर नहीं उपर से एकता बहुत दिखाते हैं वजह है इनके पास जहां अपने वाहन का रजिस्ट्रेशन व्यवसायिक मैं होता है वहीं ये इलाके की पुलिस को भी महीना नज़राने के तौर पर देते हैं.
यहां ठेकेदारी प्रथा होती है ठेकेदार इनके मालिक ओर चालकों से रोज़ दस रूपया प्रति वाहन प्रति चक्कर के लेता है जो सप्ताह मैं इकठ्ठा होकर इलाके के थाने ओर चौकी मैं हिस्से के हिसाब से बांट दिया जाता है यानि इन्होंने सिर्फ़ दस रूपये देकर सरकारी पुलिस को अपना बना लिया अब ये आज़ाद हैं जो चाहे करें जहां चाहे अपने वाहनों को खड़ा करें इनको कोई कुछ नहीं कहेगा.
अगर किसी परेशान ने गुस्से मैं आकर इनसे कुछ कह दिया या सवाह दे दी तब ये उसपर पहले गालियों की बौछार करेंगे बाद मैं हमला भी कर देंगे, आपकी नकदी पैसा, मोबाइल चैन भी बात बढ़ने पर लुट सकती है, ओर अगर आपने पुलिस बुला ली तब भी ये नहीं डरेंगे ओर पुलिस इनका ही साथ देगी, हां वाहन भी ये बड़ी ही आज़ादी से चलातो हैं बचाना आपको अपना वाहन ख़ुद होगा, तब बिका ना कानून दस रूपये मैं ?
यही वजह है कि आज कानून के रखवाले कानून ओर सरकार की सेवा को छोड़, दस रूपये रोज़ देने वाले की सेवा जहां दिल खोलकर कर रहे हैं वहीं उन्हे पूरी छूट है कानून से खिलवाड़ करने की यहां पुलिस को ये दस रूपये वाले ग़रीब दिखते हैं ?
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