संपत्ति का ब्योरा न देने वाले अधिकारियों पर कसेगी नकेल ?
रांची। संपत्ति का ब्योरा न देने वाले अधिकारियों पर राज्य सरकार ने नकेल कसनी शुरू कर दी है। भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत राज्य प्रशासनिक सेवा के ऐसे अधिकारियों को नोटिस देना शुरू कर दिया गया है।
हाईकोर्ट के निर्देश पर सख्त हुई सरकार ने इसके लिए बिहार की तर्ज पर नया कानून बनाने का काम भी शुरू कर दिया है। आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में पहले कोर्ट से दंडित होने पर ही अधिकारियों-कर्मचारियों को कोई सजा मिलती थी। अबतक उनकी अवैध संपत्ति को जब्त करने का कोई प्रावधान नहीं था।
अधिकारियों द्वारा अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं सौंपे जाने पर पिछले सप्ताह हाईकोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है। इसके बाद कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार ने बिहार की तर्ज पर तेजी से कानून बनाने और संपत्ति का ब्यौरा नहीं देने वाले 140 अफसरों को नोटिस देने का फैसला किया है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने बिहार की तर्ज पर स्पेशल कोर्ट एक्ट बनाने की दिशा में भी कार्रवाई शुरू की है।
स्पेशल कोर्ट एक्ट में क्या है प्रावधान
सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की अवैध संपत्ति जब्त करने के लिए झारखंड सरकार ने बिहार के स्पेशल कोर्ट एक्ट को आदर्श माना है। ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति जब्त करने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी लेकर स्पेशल कोर्ट एक्ट बनाया है। उसमें प्रावधान है कि ज्ञात स्रोत से अधिक या अवैध कमाई से बनाई गई संपत्ति के मामले सामने आने पर उसकी जब्ती के लिए सरकार संबंधित स्पेशल कोर्ट में अपील दायर करेगी। छापेमारी के बाद सामने आई संपत्ति को भी सरकारी कब्जे में लेने का प्रावधान इस एक्ट में है। इसके लिए कई स्पेशल कोर्ट स्थापित हुए हैं। इसके तहत निगरानी में चल रहे केस को भी स्पेशल कोर्ट में रेफर करने का प्रावधान है।
अधिकारियों द्वारा अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं सौंपे जाने पर पिछले सप्ताह हाईकोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है। इसके बाद कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार ने बिहार की तर्ज पर तेजी से कानून बनाने और संपत्ति का ब्यौरा नहीं देने वाले 140 अफसरों को नोटिस देने का फैसला किया है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने बिहार की तर्ज पर स्पेशल कोर्ट एक्ट बनाने की दिशा में भी कार्रवाई शुरू की है।
स्पेशल कोर्ट एक्ट में क्या है प्रावधान
सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की अवैध संपत्ति जब्त करने के लिए झारखंड सरकार ने बिहार के स्पेशल कोर्ट एक्ट को आदर्श माना है। ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति जब्त करने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी लेकर स्पेशल कोर्ट एक्ट बनाया है। उसमें प्रावधान है कि ज्ञात स्रोत से अधिक या अवैध कमाई से बनाई गई संपत्ति के मामले सामने आने पर उसकी जब्ती के लिए सरकार संबंधित स्पेशल कोर्ट में अपील दायर करेगी। छापेमारी के बाद सामने आई संपत्ति को भी सरकारी कब्जे में लेने का प्रावधान इस एक्ट में है। इसके लिए कई स्पेशल कोर्ट स्थापित हुए हैं। इसके तहत निगरानी में चल रहे केस को भी स्पेशल कोर्ट में रेफर करने का प्रावधान है।
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