*एस एम फ़रीद भारतीय*
राष्ट्रीय सेवक *(भादवस)*
दहेज, एक ऐसी बुरी सामाजिक व्यवस्था है जिसका छोड़ना बेहद जरूरी है, दहेज प्रथा को जड़ से समाप्त करने के लिए समाज के लिए जागरूक लोगों की मेहनत के बावजूद इस दहेज ने बेहद ख़तरनाक रूप धारण कर लिया है, इसका ये घिघौना रूप इंसानियत को अंदर से खोखला कर रहा है,