पहले भी कानून ओर संविधान की धज्जियां उड़ी थी आज भी उड़ जायेंगी तो क्या ग़म...??
एस एम फ़रीद भारतीय
दोस्तों, कुछ लोगों के ज़हन मैं आज बहुत बैचेनी है ओर होनी भी चाहिए, क्यूंकि देश की सरकार जनमानस की परेशानियों से अपने कार्यकाल मैं पूरी तरहां विफ़ल रहने के साथ झूंठी