Tuesday, 30 November 2021

किसकी नज़र लग रही है मुल्क के हिंदू और मुसलमान को, कौन लड़ा रहा है दोनों को, किसकी साज़िश है ये...?

एस एम फ़रीद भारतीय 
देश की आर्थिक स्थिति से लेकर बेरोज़गारी और भुखमरी तक आज अपने चरम पर है, चारों ही तरफ़ से भारत को दुनियां मैं शर्मसार करने वाली ख़बरें आ रही हैं, यूं तो पूरी दुनियां मैं ही उथल पुथल मची है, लेकिन हम बात करेंगे अपने वतन भारत की, जहां हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल को दुनियां मैं जाना जाता था, यही मुहब्बत साज़िश की वजह बनी और आज हिंदू मुस्लिम मैं

Saturday, 27 November 2021

क्या अपनी सेहत को हम ख़ुद बिगाड़ रहे हैं...?


एस एम फ़रीद भारतीय 
दोस्तों, आमतौर पर घरों में स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता है, इसमें खाना बनाने और खाने से शरीर को कोई फायदा भी नहीं मिलता, बल्कि बहुत तेज आग पर खाना बनाने से इन बर्तनों में मौजूद केमिकल उल्टा रिएक्ट करता है, इससे सेहत से जुड़ी कई समस्याएं

Thursday, 18 November 2021

अल्लाह के नाम की सिफ़त और 99 नाम को मायने...?

अरबी अक्षरों से बना शब्द "अल्लाह":
1. अलीफ़- यानि एक अल्लाह.
2. हम्ज़ा वस्ल (همزة وصل)- यानि इबादत के लायक.
3. लाम- इशारा है इबादत वाले की तरफ़.
4. लाम- ये भी इशारा उसी अल्लाह की तरफ़.
5. षद्दा (شدة)- यानि कोई एक.
6. अलीफ़ (ألف خنجرية) एक
7. ह् ना दिखने वाला यानि अल्लाह.

शब्द अल्लाह अरबी शब्द है, अरबी के इलावा अरहमिक, इब्रानी और अन्य सेमेटिक भाषाओं में भी यह शब्द अल्लाह देखा जा सकता है, क़ुरान के आने के पहले से ही यह शब्द प्रयोग में रहा है. 

हज़रत मुहम्मद सल्लाहु

Wednesday, 17 November 2021

ब्रिटेन कॉन्सुल जनरल ने सऊदी अरब में इस्लाम कबूल किया...?

एस एम फ़रीद भारतीय 
इस्लाम के ये सिद्धांत मॉडर्न युवाओं को अपनी ओर खींचते हैं, ब्रिटेन की प्रतिष्ठित पत्रिका न्यू स्टेट्समैन की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2001 से 2011 के बीच ब्रिटेन में एक लाख से अधिक लोगों ने इस्लाम अपनाया, इन आंकड़ों में भी खास बात यह है

Tuesday, 16 November 2021

मुझे मेरे राजीव लौटा दीजिए मैं लौट जाऊंगी, नहीं लौटा सकते तो उनके पास यहीं मिट्टी में मिल जाने दीजिए...?

एस एम फ़रीद भारतीय 
सोनिया गांधी (पहले: एडविग एंटोनिया अलबिना मायनो; जन्म: ९ दिसम्बर १९४६) भारतीय राजनेता और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष है, वह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पत्नी हैं। कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में उनका कार्यकाल पार्टी के इतिहास में सबसे लंबा है, जिसमें उन्होंने २००४ और २००९ में केंद्र में सरकार बनाने में प्रमुख

Wednesday, 10 November 2021

राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन क्या हैं...?

जब मानवाधिकार पर सवाल आता है...?

एस एम फ़रीद भारतीय 
मानवाधिकार सलाहकार
यूएनएचआरसी का पूरा नाम क्या है, यूएनएचआरसी केसे काम करती हैं, 
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के कार्य...?

दोस्तों आज हम आपको यूएनएचआरसी के बारे में बताएंगे की UNHRC क्या है और इसकी फुल फॉर्म क्या है और इसके कार्य क्या है इसके बारे में पूरी जानकारी देंगे...?

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग जो मानव अधिकारों की रक्षा के लिए बनाया गया है और यह

Tuesday, 9 November 2021

मोदी जी की लोकप्रियता का सच...?

मोदी जी कितने महान हैं जाने विश्व गोदी मीडिया का पूरा सच...?
 
एस एम फ़रीद भारतीय 
गोदी मीडिया को अब नया नाम मिला है, विश्व गोदी मीडिया, विश्व गोदी मीडिया की एक रिपोर्ट को अनुसार

Monday, 8 November 2021

फ़्रिज में रखे आलू से सावधान, आप खतरनाक बीमारी के हो सकते हैं शिकार...?

"एस एम फ़रीद भारतीय"
दोस्तों, आज हम आपको बतायेंगे कि आपकी सेहत ख़ासकर शुगर कैसे और क्यूं आपको घेरे हुए है, इससे कैसे बचा जा सकता है, आलू एक ऐसी सब्जी है, जिससे कई तरहां की डिश हमारे घरों मैं बनाई जाती है, साथ ही आलू को कई अन्य सब्ज़ियों के साथ मिक्स करके भी खाया जाता है, आलू के बिना बहुत सी सब्जियां अधूरी मानी

Monday, 1 November 2021

ख़िदमतुल मुस्लिमीन ए हिंद सदस्यों के नियम व कानून...?

*ख़िदमतुल मुस्लिमीन ए हिंद* का पहला मकसद है एक मज़बूत राष्ट्रीय कमेटी का गठन करना है, उसके बाद राष्ट्रीय कमेटी राज्यों के लिए कमेटी का गठन करेगी, पदाधिकारियों का चुनाव ना होने तक अध्यक्ष नहीं संयोजक के रूप मैं काम करेंगे, सदस्य ही चुनाव से अध्यक्ष चुनेंगे.

राज्य कमेटियों का काम अपने ज़िलों के लिए कमेटियों का गठन जिला स्तर पर करना होगा और ज़िला कमेटी अपने नगर गांव व ब्लॉक स्तर पर सदस्यों को जोड़कर कमेटियों का गठन करेंगे, राज्य कमेटी को ये अधिकार होगा वो अपने किसी नियम को घटा और बढ़ा सकती हैं, राज्य का संयोजक अपने सदस्यों की सलाह पर नये नियम कानून बनाने और उन पर अमल करने का अधिकार रखेंगे, लेकिन राष्ट्रीय कमेटी के ज़रिये तय किये गये नियम व कानूनों मैं और राष्ट्रीय स्तर के काम मैं किसी भी तरहां के बदलाव का अधिकार नहीं होगा, हां राष्ट्रीय कमेटी को सुझाव ज़रूर दिये जा सकते हैं, और राष्ट्रीय कमेटी वक़्त और सुझावों के हिसाब से नियमों मैं बदलाव करता रहेगा, अच्छे सुझावों को संगठन मैं उस सदस्य के नाम से जोड़ा जायेगा.

ज़िला कमेटियां भी सदस्यों की सलाह पर किसी भी काम या नियम को जोड़ने का अधिकार तो रखेगी, लेकिन राज्य या राष्ट्रीय कमेटी के तय नियम व कानून में बदलाव का अधिकार नहीं नहीं होगा, राज्य कमेटी के ज़रिये बनाये किसी नियम व कानून पर एतराज़ करने का अधिकार होगा हर सदस्य या जिला कमेटी को होगा, इसके लिए लिखित मैं ऐतराज़ दर्ज करना होगा, लेकिन रद्द करने का अधिकार उसके पास नहीं होगा, ज़िला कमेटी अपना विरोध राज्य कमेटी और राष्ट्रीय कमेटी को लिखित रूप मैं सदस्यों के वोट के साथ दर्ज करेगी, राष्ट्रीय कमेटी को ऐतराज़ को रद्द करने या मानने का फ़ैसला मीटिंग बुलाकर लिया जायेगा.

किसी भी कमेटी को ग़ैरकानूनी या राष्ट्रीय कमेटी के विरूद्ध काम करने की सूचना मिलने पर भंग करने का अधिकार राष्ट्रीय कमेटी के पास रहेगा, किसी अदालत मैं उसको चुनौती नहीं दी जा सकेगी, राष्ट्रीय कमेटी भी नियम व कानून को वोट के ज़रिये ही घटा और बढ़ा सकेगी, ये सहमति देने वाले ही कमेटी के सदस्य बन सकेंगे.

अगर कोई सदस्य एक साल मैं कमेटी के कार्य से नाख़ुश होकर कमेटी को अपनी मर्ज़ी से छोड़ता है तब *ख़िदमतुल मुस्लिमीन ए हिंद* उसकी मेम्बरशिप के लिए जमा की गई रकम 15 दिनों के अंदर वापस करेगी, लेकिन सदस्य को छोड़ने की जायज़ वजह बतानी होगी.

मेम्बरशिप की रकम मैं से तीन हिस्से किये जायेंगे, एक राष्ट्रीय कमेटी के योजनाओं के ख़र्च के लिए, दूसरा हिस्सा राज्य कमेटी की योजनाओं के ख़र्च के लिए और तीसरा हिस्सा ज़िला व नगर कमेटी की योजनाओं के ख़र्च के लिए रखा जायेगा, कोई भी कमेटी एक साल से पहले अपनी तरफ़ से कोई योजना या नियम बनाने का अधिकार नहीं रखेगी, कमेटी गठन से एक साल पूरा होने पर सदस्यों की सहमति से नियम कानून बनाये जायेंगे, तब तक राष्टीय कमेटी के बनाये नियमों पर ही काम करना होगा.

किसी भी कमेटी का कोई भी सदस्य किसी दूसरे सदस्य से बड़ा नहीं माना जायेगा, सब सदस्यों के अधिकार बराबर के होंगे कोई किसी सदस्य पर हुकुम लागू नहीं करेगा, ना ही किसी पर ख़ुद के अपने काम करने के लिए दबाव डालेगा, हर एक सदस्य का क़द बराबर का होगा, चाहे वो राष्ट्रीय, राज्य, ज़िला और नगर कमेटी का सदस्य ही क्यूं ना हो, शिकायत मिलने पर ऐसा करने वाले सदस्य को संगठन से बाहर कर दिया जायेगा.

अगर कमेटी का कोई सदस्य किसी अदालत द्वारा दोषी ठहराया जाता है और उसके जुर्म की सज़ा तीन साल से ज़्यादा हो तो उसे संगठन से बाहर कर दिया जायेगा, ये फ़ैसला आख़िरी अदालत यानि सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आने के बाद ही लागू होगा, तब तक व संगठन का सदस्य बना रहेगा और संगठन अपने स्तर पर उस सदस्य की जांच करायेगा, बेगुनाहों को कानूनी मदद संगठन अपने ख़र्च से करेगा, सरकार पर बेगुनाहों को मुलज़िम बनाने पर संगठन सरकार पर कानून के ज़रिये दबावबनायेगा.

संगठन की मीटिंग मैं कोई पद अधिकारी या सदस्य किसी भी दूसरे सदस्य को अपने पद का रौब दिखाकर पानी पिलाने या अन्य काम करने के लिए मजबूर नहीं करेगा या ऐसा काम नहीं करायेगा जिस वो ख़ुद नहीं कर पी रहा हो, हां किसी हादसे की चोट या दर्द की वजह से अगर कोई भी सदस्य या पदाधिकारी अगर बीमार है तब उसकी मदद सब मिलकर करेंगे, या कोई एक सदस्य मदद कर सकता है, या कोई सदस्य अगर अपनी मर्ज़ी से किसी काम को सवाब की नियत से ख़ुद करना चाह रहा है तब उसपर ये नियम लागू नहीं होंगे.

नोट- संगठन के नियम हर एक सदस्य और पदाधिकारियों पर बराबर लागू होंगे.

संगठन को उम्मीद है आप सभी नियम कानून को ग़ौर से पढ़कर संगठन से ज़ुड़ेंगे, सदस्य फ़ार्म मैं इन नियमों को बस एक लाईन मैं कहा गया है, कि मैं घोषणा करता हुँ मुझे संगठन के सभी नियम कानून पसंद हैं मैं संगठन का सदस्य बनना चाहता/चाहती हुँ, मैं सभी नियमों का पालन करूंगा या करूंगी.

अल्लाह हमको कामयाब करेगा इन शा अल्लाह ऐसा हमारा यक़ीन है.


राष्ट्रीय कार्वायहक अध्यक्ष/संयोजक

नियाज़ अहमद शेख

राष्ट्रीय सचिव
एस एम फ़रीद भारतीय
ख़िदमतुल मुस्लिमीन ए हिंद.

सोशल मीडिया पर मेरा 26 साल का सफ़र, क्या खोया क्या पाया, अब क्या करना है, क्या है कानून...?

"एस एम फ़रीद भारतीय"
दोस्तों, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सच मैं आज एक बड़ी पावर है, और ये भी सही है इस पावर को हम सुपर पावर बना सकते हैं, मगर अफ़सोस आज हमारे ज़्यादातर नौजवान अपनी ताक़त को भूलकर इसको सिर्फ़ टाइम पास ज़रिया समझते हैं, सोशल मीडिया पर जितने भी लोग मौजूद हैं उनमें से सिर्फ़ 20% ही

सेबी चेयरमैन माधवी बुच का काला कारनामा सबके सामने...

आम हिंदुस्तानी जो वाणिज्य और आर्थिक घोटालों की भाषा नहीं समझता उसके मन में सवाल उठता है कि सेबी चेयरमैन माधवी बुच ने क्या अपराध ...