Tuesday, 30 November 2021
किसकी नज़र लग रही है मुल्क के हिंदू और मुसलमान को, कौन लड़ा रहा है दोनों को, किसकी साज़िश है ये...?
Saturday, 27 November 2021
Thursday, 18 November 2021
अल्लाह के नाम की सिफ़त और 99 नाम को मायने...?
Wednesday, 17 November 2021
ब्रिटेन कॉन्सुल जनरल ने सऊदी अरब में इस्लाम कबूल किया...?
Tuesday, 16 November 2021
मुझे मेरे राजीव लौटा दीजिए मैं लौट जाऊंगी, नहीं लौटा सकते तो उनके पास यहीं मिट्टी में मिल जाने दीजिए...?
Wednesday, 10 November 2021
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन क्या हैं...?
Tuesday, 9 November 2021
मोदी जी की लोकप्रियता का सच...?
Monday, 8 November 2021
फ़्रिज में रखे आलू से सावधान, आप खतरनाक बीमारी के हो सकते हैं शिकार...?
Monday, 1 November 2021
ख़िदमतुल मुस्लिमीन ए हिंद सदस्यों के नियम व कानून...?
राज्य कमेटियों का काम अपने ज़िलों के लिए कमेटियों का गठन जिला स्तर पर करना होगा और ज़िला कमेटी अपने नगर गांव व ब्लॉक स्तर पर सदस्यों को जोड़कर कमेटियों का गठन करेंगे, राज्य कमेटी को ये अधिकार होगा वो अपने किसी नियम को घटा और बढ़ा सकती हैं, राज्य का संयोजक अपने सदस्यों की सलाह पर नये नियम कानून बनाने और उन पर अमल करने का अधिकार रखेंगे, लेकिन राष्ट्रीय कमेटी के ज़रिये तय किये गये नियम व कानूनों मैं और राष्ट्रीय स्तर के काम मैं किसी भी तरहां के बदलाव का अधिकार नहीं होगा, हां राष्ट्रीय कमेटी को सुझाव ज़रूर दिये जा सकते हैं, और राष्ट्रीय कमेटी वक़्त और सुझावों के हिसाब से नियमों मैं बदलाव करता रहेगा, अच्छे सुझावों को संगठन मैं उस सदस्य के नाम से जोड़ा जायेगा.
ज़िला कमेटियां भी सदस्यों की सलाह पर किसी भी काम या नियम को जोड़ने का अधिकार तो रखेगी, लेकिन राज्य या राष्ट्रीय कमेटी के तय नियम व कानून में बदलाव का अधिकार नहीं नहीं होगा, राज्य कमेटी के ज़रिये बनाये किसी नियम व कानून पर एतराज़ करने का अधिकार होगा हर सदस्य या जिला कमेटी को होगा, इसके लिए लिखित मैं ऐतराज़ दर्ज करना होगा, लेकिन रद्द करने का अधिकार उसके पास नहीं होगा, ज़िला कमेटी अपना विरोध राज्य कमेटी और राष्ट्रीय कमेटी को लिखित रूप मैं सदस्यों के वोट के साथ दर्ज करेगी, राष्ट्रीय कमेटी को ऐतराज़ को रद्द करने या मानने का फ़ैसला मीटिंग बुलाकर लिया जायेगा.
किसी भी कमेटी को ग़ैरकानूनी या राष्ट्रीय कमेटी के विरूद्ध काम करने की सूचना मिलने पर भंग करने का अधिकार राष्ट्रीय कमेटी के पास रहेगा, किसी अदालत मैं उसको चुनौती नहीं दी जा सकेगी, राष्ट्रीय कमेटी भी नियम व कानून को वोट के ज़रिये ही घटा और बढ़ा सकेगी, ये सहमति देने वाले ही कमेटी के सदस्य बन सकेंगे.
अगर कोई सदस्य एक साल मैं कमेटी के कार्य से नाख़ुश होकर कमेटी को अपनी मर्ज़ी से छोड़ता है तब *ख़िदमतुल मुस्लिमीन ए हिंद* उसकी मेम्बरशिप के लिए जमा की गई रकम 15 दिनों के अंदर वापस करेगी, लेकिन सदस्य को छोड़ने की जायज़ वजह बतानी होगी.
मेम्बरशिप की रकम मैं से तीन हिस्से किये जायेंगे, एक राष्ट्रीय कमेटी के योजनाओं के ख़र्च के लिए, दूसरा हिस्सा राज्य कमेटी की योजनाओं के ख़र्च के लिए और तीसरा हिस्सा ज़िला व नगर कमेटी की योजनाओं के ख़र्च के लिए रखा जायेगा, कोई भी कमेटी एक साल से पहले अपनी तरफ़ से कोई योजना या नियम बनाने का अधिकार नहीं रखेगी, कमेटी गठन से एक साल पूरा होने पर सदस्यों की सहमति से नियम कानून बनाये जायेंगे, तब तक राष्टीय कमेटी के बनाये नियमों पर ही काम करना होगा.
किसी भी कमेटी का कोई भी सदस्य किसी दूसरे सदस्य से बड़ा नहीं माना जायेगा, सब सदस्यों के अधिकार बराबर के होंगे कोई किसी सदस्य पर हुकुम लागू नहीं करेगा, ना ही किसी पर ख़ुद के अपने काम करने के लिए दबाव डालेगा, हर एक सदस्य का क़द बराबर का होगा, चाहे वो राष्ट्रीय, राज्य, ज़िला और नगर कमेटी का सदस्य ही क्यूं ना हो, शिकायत मिलने पर ऐसा करने वाले सदस्य को संगठन से बाहर कर दिया जायेगा.
अगर कमेटी का कोई सदस्य किसी अदालत द्वारा दोषी ठहराया जाता है और उसके जुर्म की सज़ा तीन साल से ज़्यादा हो तो उसे संगठन से बाहर कर दिया जायेगा, ये फ़ैसला आख़िरी अदालत यानि सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आने के बाद ही लागू होगा, तब तक व संगठन का सदस्य बना रहेगा और संगठन अपने स्तर पर उस सदस्य की जांच करायेगा, बेगुनाहों को कानूनी मदद संगठन अपने ख़र्च से करेगा, सरकार पर बेगुनाहों को मुलज़िम बनाने पर संगठन सरकार पर कानून के ज़रिये दबावबनायेगा.
संगठन की मीटिंग मैं कोई पद अधिकारी या सदस्य किसी भी दूसरे सदस्य को अपने पद का रौब दिखाकर पानी पिलाने या अन्य काम करने के लिए मजबूर नहीं करेगा या ऐसा काम नहीं करायेगा जिस वो ख़ुद नहीं कर पी रहा हो, हां किसी हादसे की चोट या दर्द की वजह से अगर कोई भी सदस्य या पदाधिकारी अगर बीमार है तब उसकी मदद सब मिलकर करेंगे, या कोई एक सदस्य मदद कर सकता है, या कोई सदस्य अगर अपनी मर्ज़ी से किसी काम को सवाब की नियत से ख़ुद करना चाह रहा है तब उसपर ये नियम लागू नहीं होंगे.
नोट- संगठन के नियम हर एक सदस्य और पदाधिकारियों पर बराबर लागू होंगे.
संगठन को उम्मीद है आप सभी नियम कानून को ग़ौर से पढ़कर संगठन से ज़ुड़ेंगे, सदस्य फ़ार्म मैं इन नियमों को बस एक लाईन मैं कहा गया है, कि मैं घोषणा करता हुँ मुझे संगठन के सभी नियम कानून पसंद हैं मैं संगठन का सदस्य बनना चाहता/चाहती हुँ, मैं सभी नियमों का पालन करूंगा या करूंगी.
अल्लाह हमको कामयाब करेगा इन शा अल्लाह ऐसा हमारा यक़ीन है.
राष्ट्रीय कार्वायहक अध्यक्ष/संयोजक
नियाज़ अहमद शेख
सोशल मीडिया पर मेरा 26 साल का सफ़र, क्या खोया क्या पाया, अब क्या करना है, क्या है कानून...?
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