सलमान साहिब वोह अलफ़ाज़ ना बोलो जो इंसान को खुद भी नहीं मालूम हो, क्यूंकि हमेशा सवाल को देखकर जनता जवाब देती है, और कुछ अपने भी दूर हो जाते हैं बेहूदा सवालों से वैसे आप भी मुस्लिम कौम के कोई खास हमदर्द तो रहे नहीं हैं ना ही आपने कोई ऐसा कदम उठाया जो मुस्लिम आपको याद रखे या आपका साथ दे.
इस वक़्त कांग्रेस वेसे ही बुरे दौर से गुज़र रही है कम से कम अब तो ऐसे अलफ़ाज़ मत बोलो जो पार्टी को नुकसान दे, आप भी सिर्फ अपने इलाके के ही नेता रहे हैं आज तक कौम के नेता नहीं बन सके ?
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